
बुन्देलखण्ड क्षेत्र के पन्ना शहर में हर साल आयोजित होने वाली ऐतिहासिक रथयात्रा समारोह में कोरोना के प्रतिबंधों का साया रहेगा। राजसी ठाटबाट के साथ निकलने वाली भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी जी की बारात में बाराती शामिल नहीं हो पायेंगे। रथयात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की उमड़ने वाली भीड़ पर रोक लगाने के लिए जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर पन्ना संजय कुमार मिश्रा ने धारा 144 के अंतर्गत नवीन प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये हैं। ऐसी स्थिति में अब रथयात्रा के दौरान न तो भीड़ जुड़ सकेगी और न ही मंदिरों के आस-पास हाट बाजार, मेला तथा भण्डारा का आयोजन हो सकेगा।
उल्लेखनीय है कि देश की तीन सबसे पुरानी व बड़ी रथयात्राओं में पन्ना की रथयात्रा भी शामिल है। ओडि़शा के जगन्नाथपुरी की तर्ज पर यहां आयोजित होने वाले इस भव्य धार्मिक समारोह में राजशी ठाट-बाट और वैभव की झलक देखने को मिलती है । रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ स्वामी की एक झलक पाने समूचे बुन्देलखण्ड क्षेत्र से हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुँचते रहे हैं । लेकिन कोरोना प्रतिबंधों के चलते यह दुर्लभ और भव्य नजारा देखने को नहीं मिलेगा। पन्ना जिले के इस सबसे बड़े धार्मिक समारोह के दरम्यान यहां की अद्भुत और निराली छटा को देखने तथा भगवान जगन्नाथ स्वामी की एक झलक पाने के लिए समूचे बुन्देलखण्ड क्षेत्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे। लेकिन प्रतिबंधों के चलते उन्हें इस सौभाग्य से वंचित होना पड़ेगा। मालुम हो कि पन्ना की यह ऐतिहासिक रथयात्रा लगभग 168 वर्ष पूर्व तत्कालीन पन्ना नरेश महाराजा किशोर सिंह द्वारा शुरू कराई गई थी, जो परम्परानुसार अनवरत् जारी है। इस वर्ष रथयात्रा 12 जुलाई को शाम 6:30 बजे पूरे विधि विधान के साथ जगन्नाथ स्वामी मन्दिर से निकलेगी।